Sudan: 5 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या वाले विकासशील देश सूडान में लाशों का अंबार लग गया है. सूडान में 60 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
Sudan: उत्तरी अफ्रीका के सबसे बड़ा देश में इस वक्त हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. पश्चिमी यूरोप के बराबर और 35 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या वाले विकासशील देश सूडान में लाशों का अंबार लग गया है.
गृह युद्ध की आग में जल रहे सूडान में 60 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. यह आंकड़ा संयुक्त राष्ट्र की ओर से इस्तेमाल किए गए आंकड़े से कहीं ज्यादा अधिक है.
भुखमरी और बीमारी बनी लोगों के लिए काल
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के सूडान रिसर्च ग्रुप के हवाले से इस बात की जानकारी दी है. रिसर्च ग्रुप ने बताया कि युद्ध के अलावा भुखमरी और बीमारी तेजी से सूडान में लोगों की मौत के प्रमुख कारण बनते जा रहे हैं.
सूडान की राजधानी खार्तूम राज्य में सूडानी सशस्त्र बलों (SAF) के लीडर और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के रूप में जाने जाने वाले एक शक्तिशाली अर्धसैनिक समूह के बीच का सत्ता संघर्ष पिछले साल 2023 में 15 अप्रैल को शुरू हुआ था.
इसके बाद से मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि अभी तक करीब 11 करोड़ लोग बेघर हो चुके हैं. इससे राज्य में दुनिया में भूख का सबसे बड़ा संकट पैदा हो गया है. खाने की कमी के कारण 25 करोड़ लोगों पर संकट मंडरा रहा है.
कैप्चर-रिकैप्चर तकनीक की मदद से की गणना
रिसर्च ग्रुप ने कहा है कि सूडान में कई मौतें दर्ज नहीं की जाती हैं. इंटरनेट सेवाओं और टेलीकम्युनिकेशन की कमी के कारण सूडान का बाहरी दुनिया से संपर्क कट जाता है.
रिसर्च ग्रुप के सह-निदेशक मेसून दहाब ने बताया कि कैप्चर-रिकैप्चर तकनीक की मदद से मौतों की गणना की है.
बता दें कि साल 2019-2020 में भी हिंसक प्रदर्शनों और कोविड-19 महामारी के दौरान मारे गए लोगों की संख्या का अनुमान लगाने के लिए इसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था.
अध्ययन के निष्कर्ष में बताया गया है कि सूडान के अन्य युद्ध प्रभावित हिस्सों में भी इसी तरह या इससे भी बदतर मौतें हुई होंगी.
बता दें कि, अमेरिका की ACLED यानी सशस्त्र संघर्ष स्थान एवं घटना डेटा परियोजना ने इस दौरान सूडान में 20,178 हत्याओं का आंकड़ा दिया है.
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SAF और RSF ने एक-दूसरे को बताया जिम्मेदार
सूडान में हाल इस कदर खराब हैं कि कई जगहों पर अस्पताल या फार्मेसी तक नहीं है. बाजारों में राशन तक नहीं है. कई लाशों को कब्रिस्तान तक भी पहुंचाना मुश्किल हो गया. लोग अपने घरों के दीवार के पीछे ही क्रब बना रहे हैं.
2023 में 15 अप्रैल से लेकर ग्रेटर खार्तूम में घरों के बगल में सैकड़ों कब्रें बन चुकी हैं. हाल में कुछ इलाकों में सेना की वापसी के बाद शवों को ओमदुरमन के मुख्य कब्रिस्तान में भेजना शुरू कर दिया गया है.
सूडानी सशस्त्र बलों (SAF) के लीडर और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) ने एक दूसरे को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. वहीं, सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल नबील अब्दुल्ला ने RSF पर आरोप लगाते हुए कहा कि RSF ने नागरिकों को निशाना बनाने संकोच नहीं किया.
इसके अलावा RSF ने इन मौतों के आंकड़ों के लिए सेना की कार्रवाई को जिम्मेदार ठहराया है.
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