Terrorism in Pakistan: आतंकियों को पाल-पोस कर बड़ा करने वाला आतंकिस्तान यानि पाकिस्तान अपने ही रचे चक्रव्यूह में फंस गया है.
Terrorism in Pakistan: BLA यानि बलूच लिबरेशन आर्मी ने शुक्रवार को एलान किया कि उसने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर कब्जा करने के दौरान पकड़े गए सभी 214 पाकिस्तानी सुरक्षाबलों से जुड़े बंधकों को मार डाला है. अब आतंकियों को पाल-पोस कर बड़ा करने वाला आतंकिस्तान यानि पाकिस्तान अपने ही रचे चक्रव्यूह में फंस गया है. पाकिस्तान सिर्फ एक ही नहीं, अब चार अलग-अलग सशस्त्र और आतंकी संगठनों से जूझ रहा है. खास बात यह है कि यह सशस्त्र समूहों कथित तौर पर एक दूसरे जुड़े हैं और पाकिस्तान को खून के आंसू रुला रहे हैं.
पाक-अफगानिस्तान सीमा पर हमलों में बढ़ोतरी हो रही
GTI यानि वैश्विक आतंक सूचकांक के मुताबिक पाकिस्तान में TTP यानि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, BLA यानि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी, ISIS-K यानि इस्लामिक स्टेट खुरासान और अफगान तालिबान के लड़ाके जमकर हमले कर रहे हैं. सभी सशस्त्र समूहों के अलग-अलग लक्ष्य हैं, लेकिन वह पाकिस्तान की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था की बड़े पैमाने पर धज्जियां उड़ा रहे हैं. इन समूहों के हमलों में पाकिस्तानी सुरक्षाबलों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है.
BLA की ओर से जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर 214 बंधकों को मारने का दावा इन सशस्त्र समूहों के तीव्र हमलों को दिखाता है. GTI की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष की तुलना में साल 2024 में आतंकी हमलों से होने वाली मौतों की संख्या 45 प्रतिशत बढ़कर 1,081 हो गई है. GTI ने बताया कि आतंकी हमलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जो साल 2023 में 517 से दोगुनी होकर साल 2024 में 1,099 हो गई. पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर हमलों में बढ़ोतरी हो रही है.
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान में सबसे घातक
इसमें बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र बने हुए हैं. TTP पाकिस्तान में सबसे घातक बना हुआ है. TTP साल 2024 में होने वाले आतंकी हमलों में अकेले 52 प्रतिशत मौतों के लिए जिम्मेदार है. साल 2024 में TTP ने 482 हमले किए, जिसमें 558 मौतें हुई हैं. साल 2023 के मुकाबले 293 मौतों से 91 प्रतिशत अधिक है.
BLA दूसरे नंबर पर है. BLA ने ट्रेन हाईजैक से पहले पिछले साल क्वेटा रेलवे स्टेशन पर अबतक का सबसे घातक हमला किया था. इस हमले में कम से कम 25 नागरिक और सैनिक मारे गए थे. BLA और BLF यानि बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट जैसे 37 बलूच सशस्त्र समूह पाकिस्तान के भीतर चल रही अस्थिरता का फायदा उठा रहे हैं.
इन समूहों की ओर से किए गए हमलों में 2023 में 116 से 2024 में 504 तक की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. साल 2023 के मुकाबले 88 से मौतें चार गुना बढ़कर 388 हो गई हैं. इसके अलावा ISIS-K भी पाकिस्तान में छोटे-मोटे हमले कर रहा है. इसी साल 28 फरवरी को खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तान के ‘यूनिवर्सिटी ऑफ जिहाद’ यानि दारुल उलूम हक्कानिया मदरसे में आत्मघाती विस्फोट कर दिया था, जिसमें मदरसा प्रमुख कई लोग मारे गए थे.
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पाकिस्तान का दक्षिण एशिया में सबसे खराब GTI स्कोर
दक्षिण एशिया में सबसे खराब GTI स्कोर वाले दस देशों में से दो देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान टॉप पर हैं. साल 2024 में पाकिस्तान में हमले दोगुने से अधिक हो गए. ऐसे में इसे आतंक का चौतरफा हमला कहा जा सकता है. बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के अध्यक्ष अख्तर मेंगल ने हाल में कई मौकों पर दावा किया है कि बलूचिस्तान का एक इंच भी ऐसा नहीं बचा है, जहां पाकिस्तान सरकार अपना अधिकार जता सके. BLA का दावा है कि पाकिस्तान युद्ध हार चुका है.
माना जा रहा है कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर विद्रोही समूह एक हो रहे है. साथ ही उनका एक ही लक्ष्य है, पाकिस्तान को जड़ से बर्बाद करना. वहीं, दूसरी ओर इन हमलों के लिए सीधे तौर पर अफगानिस्तान पर आरोप लगा है. पाकिस्तान की सरकार ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार पर TTP को मौन समर्थन देने का आरोप लगाया है. तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में पाकिस्तान का प्रभाव कम हो गया है. वहीं, अफगानिस्तान भी पाकिस्तान को आतंक पर नसीहत दे रहा है कि पाकिस्तानी सरकार गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों के बजाय अपनी सुरक्षा और आंतरिक समस्याओं को सुलझाने पर ध्यान केंद्रित करे.
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चीनी वाणिज्य दूतावास पर ISIS-K ने किया था हमला
बता दें कि पाकिस्तानी सुरक्षा की कमजोरियों का फायदा उठाकर यह सशस्त्र समूह पाकिस्तानी सैनिकों को निशाना बना रहे हैं. पाकिस्तान के अंदर TTP, BLA और ISIS-K लड़ रहे हैं. दूसरी ओर अफगान तालिबान के लड़ाके सीधे पाकिस्तानी सेना से लड़ रहे हैं. चीन को भी यह समूह अब निशाना बना रहे हैं. BLA की ओर से चीनी नागरिकों और CPEC के तहत परियोजनाओं पर हमले बढ़ा दिए हैं. इसी साल BLA की ओर से ग्वादर बंदरगाह के पास एक आत्मघाती बम विस्फोट में चार चीनी इंजीनियर मारे गए थे. TTP और ISIS-K भी चीन को निशाना बना रहे हैं. ISIS-K ने ही पिछले साल कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमला किया था.
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