Home National जल-थल-नभ की सुरक्षा को लेकर भारत और ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा समझौते पर किए हस्ताक्षर

जल-थल-नभ की सुरक्षा को लेकर भारत और ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा समझौते पर किए हस्ताक्षर

by Sanjay Kumar Srivastava
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India and Australia

वैश्विक तनाव को देखते हुए भारत और ऑस्ट्रेलिया अपने रक्षा संबंधों को और मजबूत करेंगे. इसी सिलसिले में दोनों देशों ने सोमवार को रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए.

NEW DELHI: वैश्विक तनाव को देखते हुए भारत और ऑस्ट्रेलिया अपने रक्षा संबंधों को और मजबूत करेंगे. इसी सिलसिले में दोनों देशों ने सोमवार को रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए. दोनों देशों के अधिकारियों ने रक्षा नीति पर भी वार्ता की. रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव अमिताभ प्रसाद ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, वहीं ऑस्ट्रेलियाई पक्ष की तरफ से ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग में अंतर्राष्ट्रीय नीति प्रभाग के प्रथम सहायक सचिव बर्नार्ड फिलिप ने चर्चा में भाग लिया.

दोनों अधिकारियों ने संयुक्त रक्षा अभ्यासों और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में हो रही निरंतर प्रगति का स्वागत किया. इसमें पहली बार हासिल हुई कई उपलब्धियां, प्रमुख समझौतों को अंतिम रूप देना और एक-दूसरे की प्रमुख रक्षा व्यापार प्रदर्शनियों में भागीदारी भी शामिल थी. बैठक के दौरान नवंबर 2023 में विदेश और रक्षा मंत्रियों के 2+2 सम्मेलन, अक्टूबर 2024 में सचिव स्तर पर अंतर-सत्रीय 2+2 परामर्श तथा नवंबर 2024 में शीर्ष नेताओं के दूसरे वार्षिक शिखर सम्मेलन के रक्षा परिणामों की समीक्षा भी की गई.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास पर भी सहमति

इस चर्चा में समुद्री क्षेत्रीय जागरूकता, पारस्परिक सूचना साझाकरण, रक्षा उद्योग और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग तथा एक-दूसरे के क्षेत्रों से तैनाती सहित अभ्यास व आदान-प्रदान से सहयोग प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया. दोनों पक्षों ने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया. भारत और ऑस्ट्रेलिया शांतिपूर्ण, स्थिर एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मिलकर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है.

दोनों पक्षों ने 2025 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाली अगली 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए प्राथमिकताओं व तैयारियों पर सहमति व्यक्त की. उन्होंने दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग के दीर्घकालिक दृष्टिकोण को तैयार करने पर कार्यान्वित होने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जैसा कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने सामूहिक शक्ति बढ़ाने, दोनों देशों की सुरक्षा में साथ देने और क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए कल्पना की थी.

दोनों देशों ने रक्षा उद्योग में सहयोग की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया. उन्होंने दोनों पक्षों की संबंधित एजेंसियों से रक्षा विज्ञान व प्रौद्योगिकी सहयोग के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया. दोनों अधिकारियों ने बहुपक्षीय साझेदारों के साथ कार्य करने सहित समुद्री, भूमि एवं वायु क्षेत्रों में सहयोग तथा सहभागिता को और अधिक विस्तार देने पर भी सहमति व्यक्त की. पिछले कुछ वर्षों के दौरान रक्षा क्षेत्र में भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनकर उभरे हैं. ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल 18 मार्च को मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड का भी दौरा करेगा.

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