Home National NGO in Pune: पुणे के एक कपल ने खोला घायल और बेसहारा जानवरों के लिए शेल्टर होम

NGO in Pune: पुणे के एक कपल ने खोला घायल और बेसहारा जानवरों के लिए शेल्टर होम

by Pooja Attri
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Animal shelter home: पेशे से फिजियोथेरेपिस्ट सुवर्णा कहती हैं कि शेल्टर होम में जानवरों को खाने और इलाज की सुविधा दी जाती है. इस शेल्टर होम को खोलने का विचार उनके मन में तब आया जब उन्हें एहसास हुआ कि घायल जानवरों को कैसे उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है, उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं होता.

27 April, 2024

Make new life ngo in Pune: पुणे के एक कपल सुवर्णा और अरुण ने अपना जीवन बेसहारा जानवरों की देखभाल और रखरखाव के लिए समर्पित कर दिया है. अपने एनजीओ, ‘मेक न्यू लाइफ’ के जरिए ये कपल करीब 500 बेसहारा और घायल जानवरों की देखभाल कर रहा है. इनमें कुत्ते, बिल्ली, खरगोश और यहां तक कि पक्षी भी शामिल हैं.

सुवर्णा पसारे

पेशे से फिजियोथेरेपिस्ट सुवर्णा कहती हैं कि शेल्टर होम में जानवरों को खाने और इलाज की सुविधा दी जाती है. सुवर्णा पसारे के अनुसार, ‘मैंने हॉस्पिटल खोला है उनके लिए क्योंकि अगर रास्ते पर एक्सिडेंट होता है तो उनको हेल्प नहीं मिलती है कहीं पर भी और न उनको एडमीशन मिलता है. रास्ते पर पड़े होंगे तो हम लोग उनका ट्रीटमेंट नहीं कर सकते. इसके उनके लिए जगह चाहिए स्पेसिफिक जहां पर उनको महीना दो महीना ट्रीटमेंट मिले, तो इसलिए हमने ये अस्पताल खोला है. यहां पर उनकी सर्जरी, ट्रीटमेंट और उनकी केयर भी हो जाती है. उन्हें अच्छे होने के बाद वापस भेज भी दिया जाता है. एडॉप्शन में भी जाते हैं और अपाहिज है और ब्लाइंड हैं वो हमारे यहां रहते हैं.’

अरुण पसारे

सुवर्णा के पति अरुण पसारे कहते हैं कि इस शेल्टर होम को खोलने का विचार उनके मन में तब आया जब उन्हें एहसास हुआ कि घायल जानवरों को कैसे उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है, उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं होता. उनका कहना है कि वो खासतौर पर उन जानवरों का ख्याल रखना चाहते थे जिन्हें इलाज की जरूरत है.

अरुण पसारे के अनुसार, ‘कोई खाना दे रहा है और कोई पानी दे हा है, लेकिन कोई ट्रीटमेंट नहीं मिलती, दवाई नहीं मिलती और अगर ये घायल हो जाते हैं और एक्सीडेंट हो जाता है, तो इनको संभालने वाला कोई नहीं और ये बूढ़े भी हो जाते है. जब लोग बूढ़े हो जाते हो तो वो वृद्धाश्रम रहे हैं, लेकिन जब एनीमल बूढ़े हो जाते है तो उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं है, तो हम दोनों ने मिलकर फैसला किया कि ये सब व्यवस्था हम लोग करेंगे इसलिए अपने एनजीओ के माध्यम से उनकी सेवा कर रहे हैं.’

योजना

ये कपल पिछले 15 साल से अपने एनजीओ के जरिए जानवरों की सेवा कर रहा है. अब इनकी योजना दुर्घटना में घायल और जानलेवा बीमारी से पीड़ित जानवरों की देखभाल के लिए 24 घंटे का अस्पताल खोलने की है.

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