Home National एक बार फिर बाबा रामदेव को लगा हाई कोर्ट से झटका, इस मामले में फंसा पेंच

एक बार फिर बाबा रामदेव को लगा हाई कोर्ट से झटका, इस मामले में फंसा पेंच

by Live Times
0 comment
एक बार फिर बाबा रामदेव को लगा हाई कोर्ट से झटका, इस मामले में फंसा पेंच

Baba Ramdev News : कोरोना के दौर में बाबा रामदेव ने कोरोनिल नाम की दवा लॉन्च की थी. इसको लॉन्च करने के दौरान यह दावा किया था कि कोरोनिल दवा से कोरोना महामारी से लड़ा जा सकता है.

29 July, 2024

Baba Ramdev News : योग गुरु रामदेव के लिए दिल्ली हाई कोर्ट से सोमवार को बुरी खबर आई. डॉक्टरों के कई संघों द्वारा रामदेव के खिलाफ ने दायर याचिका पर HC ने कहा कि वह कोरोनिल को कोरोना की दवा बताने वाले बयान के साथ-साथ कोरोना से होने वाली मौतों के लिए एलोपैथी को जिम्मेदार ठहराने वाले बयान को तत्काल वापस लें. हाई कोर्ट ने सोमवार को योग गुरु रामदेव को यह दावा करने से भी रोक दिया कि कोरोनिल कोविड-19 का इलाज है और उन्हें तीन दिनों के भीतर सभी वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से पतंजलि उत्पाद के संबंध में ऐसे दावे हटाने का निर्देश दिया गया है.

यहां पर बता दें कि कोरोना के दौर में बाबा रामदेव ने कोरोनिल नाम की दवा लॉन्च की थी. इसे लॉन्च करने के दौरान यह दावा किया था कि कोरोनिल दवा से कोरोना महामारी से लड़ा जा सकता है. इसके पक्ष में उन्होंने कुछ आंकड़े भी पेश किए थे. इस बयान और दावे के खिलाफ डॉक्टरों के संघ ने पतंजलि आयुर्वेद और बाबा रामदेव के साथ आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ भी याचिका दायर की थी.

वायरल बीमारी के इलाज पर रामदेव का दावा बहुत दूर

दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने कई डॉक्टरों के संघों द्वारा दायर मुकदमे पर अंतरिम आदेश में कहा कि वैधानिक मंजूरी ने टैबलेट को कोविड-19 के लिए सहायक उपाय के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति दी है, लेकिन यह रामदेव के इस दावे से बहुत दूर है कि यह वायरल बीमारी का इलाज है. न्यायाधीश ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि उत्पाद के इस तरह के विज्ञापन और प्रचार की अनुमति देने से न केवल जनता को खतरा होगा, बल्कि आयुर्वेद की बदनामी भी हो सकती है.

डॉक्टरों ने किया रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ के दर्ज

गौरतलब है कि डॉक्टरों के संघों ने 2021 में रामदेव, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ मुकदमा दायर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने कोरोनिल के कोविड-19 के इलाज के संबंध में निराधार दावे किए हैं, जो कि दवा को केवल इम्यूनो-बूस्टर होने के लिए दिए गए लाइसेंस के विपरीत है.

अदालत ने कहा कि प्रतिवादी पक्ष द्वारा दिए गए सभी प्रतिनिधित्व, बयान और विज्ञापन, उनके द्वारा प्राप्त वैधानिक अनुमोदन, प्रमाणपत्र और लाइसेंस के विपरीत हैं, जो कि अपने आप में झूठे, गलत और शरारतपूर्ण हैं. प्रथम दृष्टया ऐसी सामग्री को सार्वजनिक करना सार्वजनिक उपद्रव और गलत कार्य है, जिससे आम जनता प्रभावित होगी.

यह भी पढ़ें- Delhi में छात्रों की मौत पर छात्र ने CJI को लिखा पत्र, कहा- MCD के कारण एस्पिरेंट्स जी रहे नर्क का जीवन

You may also like

Leave a Comment

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2024 Live Times News. All Right Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00