Earthquake: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की धरती लगातार भूकंप से डोल रही है. आखिर उत्तरकाशी में भूकंप आने की क्या है सबसे बड़ी वजह? देखिए इस खास रिपोर्ट में.
Earthquake: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 24 जनवरी से लगातार भूकंप के झटके महसूस हो रहे है. इसको देखते हुए उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने भूकंप से बचाव संबंधित एडवाइजरी भी जारी कर दी है. लेकिन लगातार आ रहे भूकंप ने लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है.
दहशत के माहौल में लोग
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में रह रहे लोग इन दोनों दहशत के माहौल में है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि 24 जनवरी से लेकर 31 जनवरी के बीच उत्तरकाशी में 6 भूकंप के झटके महसूस हुए है. एक भूकंप 3.5 मेग्नीट्यूड का था तो वही बाकी पांच भूकंप 3.0 मेग्नीट्यूड से काम के थे. लेकिन कुछ दिनों के भीतर ही छह बार भूकंप आने से लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. मुख्य रूप से एक बड़ा डर पैदा हो रहा है कि आखिर उत्तरकाशी के क्षेत्र में लगातार आ रहे छोटे-छोटे भूकंप कहीं बड़े भूकंप आने का संकेत तो नहीं दे रहे हैं?
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नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया सच
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तरकाशी जिले में 24 जनवरी से लेकर 31 जनवरी के बीच छह बार भूकंप आए हैं. वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. विनीत कुमार गहलोत ने बताया कि उत्तरकाशी के क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से लगातार छोटे-छोटे भूकंप आ रहे हैं, जिसका डेप्थ 5 किलोमीटर दर्ज किया गया है. विनीत ने बताया कि उत्तरकाशी में लगातार आ रहे इन भूकंप के कई कारण हो सकते हैं. लिहाजा उत्तरकाशी में पिछले कुछ दिनों से लगातार जो भूकंप आ रहे है ये किसी बड़े भूकंप की चेतावनी है या नहीं है? इसका जवाब देना बहुत मुश्किल है.
क्यों बार-बार आ रहे हैं भूकंप?
हिमालय में तमाम सीस्मिक गैप है, जिसमें से सबसे बड़ा सीस्मिक गैप, कुमाऊं और पश्चिमी नेपाल के बीच का क्षेत्र है. क्योंकि इस क्षेत्र में सालों से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है. हालांकि, ऐसा कहा जाता रहा है कि 1344 में एक बड़ा भूकंप आया था. जिस वजह से उत्तराखंड के कुमाऊं और पश्चिमी नेपाल के बीच के क्षेत्र को काफी संवेदनशील माना जा रहा है. जहां, बड़ा भूकंप आने की संभावना है. साथ ही कहा कि वैज्ञानिकों के पास इसका प्रमाण है कि इस क्षेत्र में एनर्जी लगातार एकत्र हो रही है. जियोलॉजी में ऐसा कहा जाता है कि जो आज हो रहा है वह पीछे भी हो रहा था और आगे भी होता रहेगा. अगर इस थ्योरी को माने तो कुमाऊं और पश्चिमी नेपाल के बीच के क्षेत्र में बड़ा भूकंप आने की संभावना होगी. लिहाजा कोई भी बड़ा भूकंप सीस्मिक गैप के क्षेत्र में आ सकता है.
डॉ नरेश कुमार ने दिया बयान
वहीं, वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक नरेश कुमार की माने तो उत्तरकाशी में पिछले कुछ दिनों से जो लगातार भूकंप आ रहे हैं, वह भूकंप 3 मेग्नीट्यूड के आसपास के हैं. हालांकि, एक भूकंप 3.5 मेग्नीट्यूड का आया था. ऐसे में इस तरह के भूकंप का आना एक नेचुरल प्रोसेस है, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि पिछले कुछ दिनों में भूकंप की एक्टिविटी बड़ी है जिसे कुछ दिनों तक मॉनिटरिंग करने की जरूरत है.
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दुनिया भर में 2024 में इतनी बार आए भूकंप
दुनिया में साल 2024 में करीब 13,672 भूकंप आए थे. दुनिया में हर साल करीब 15 से 16 हजार बड़े भूकंप आते हैं. वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक साल 2024 में विश्व भर में करीब 13,672 भूकंप आए थे. जिसमें 10 भूकंप 7.0 से 7.9 मैग्नीट्यूड, 90 भूकंप 6.0 से 6.9 मैग्नीट्यूड, 1403 भूकंप 5.0 से 5.9 मैग्नीट्यूड, 12,196 भूकंप 4.0 से 4.9 मैग्नीट्यूड के थे. इसके अलावा, 4.0 मैग्नीट्यूड से कम के हजारों भूकंप हर साल आते हैं.
उत्तराखंड में 2024 में इतने भूकंप आए
यहां बता दें कि उत्तराखंड में साल 2024 में करीब 59 भूकंप आए थे. इसमें से 43 भूकंप 2.0 से 3.0 मैग्नीट्यूड के थे. 15 भूकंप 3.0 से 3.9 मैग्नीट्यूड के बीच के थे. इसके साथ ही केवल एक भूकंप 4.1 मैग्नीट्यूड का था, जिसको लोगों ने महसूस किया था. ये सभी भूकंप पिथौरागढ़, चमोली, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और कुछ टिहरी जिलों के उत्तरी भाग में दर्ज किए गए हैं.
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