Waqf Board Act : केंद्र में सत्तासीन नरेन्द्र मोदी सरकार संसद के पटल पर वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन करने के लिए बिल पेश कर सकती है.
05 August, 2024
Waqf Board Act: संसद (Parliament) के मानसून सत्र (Monsoon Session) का सोमवार को 11वां दिन है. केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड (Waqf Board) की शक्तियों और उसकी कार्यप्रणाली में बदलाव करने के लिए संसद (Parliament) के पटल पर बिल पेश कर सकती है. केंद्र की मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है. अभी यह शक्ति वक्फ बोर्ड के पास है. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों हुई कैबिनेट की बैठक में वक्फ अधिनियम में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दी गई है.
क्या है वक्फ बोर्ड
सरल शब्दों में कहें तो जब कोई व्यक्ति अल्लाह या इस्लाम के नाम पर कोई संपत्ति या पैसा अपनी इच्छा से दान देता है तो उसकी देखरेख वक्फ बोर्ड करता है. मुस्लिम समाज की जमीनों पर नियंत्रण रखने के लिए वक्फ बोर्ड बनाया गया था. देश में 32 स्टेट वक्फ बोर्ड हैं. एक सेंट्रल वक्फ बोर्ड भी है. साल 2013 में UPA सरकार ने 1995 के मूल वक्फ एक्ट में बदलाव करके वक्फ बोर्ड की शक्तियों में इजाफा किया था.
कम हो सकती हैं वक्फ बोर्ड की शक्तियां
वक्फ बोर्ड के पास अभी किसी भी जमीन को अपनी संपत्ति घोषित करने की शक्ति है. सरकार संशोधन के जरिए इसमें बदलाव लाना चाहती है. इस संशोधन का सीधा असर उत्तर प्रदेश में ज्यादा होगा, क्योंकि यहां पर वक्फ की जमीन भी बहुत है. संशोधन विधेयक पारित होने के बाद वक्फ संपत्तियों के मैनेजमेंट और ट्रांसफर में बड़ा परिवर्तन आएगा.
संसोधन करने पर क्या होगा असर
राज्य और केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों में अभी किसी भी प्रकार का दखल नहीं दे सकती हैं. संशोधन के बाद सरकारों को इसमें दखल देने का अधिकार मिल जाएगा. वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्ति जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय में दर्ज करानी पडे़गी. संपत्ति दर्ज होने से इनके राजस्व की जांच हो सकेगी. वक्फ बोर्ड के स्ट्रक्चर में परिवर्तन किया जाएगा. इसमें मुस्लिम महिलाओं की भागेदारी बढ़ाई जाएगी. राज्यों में वक्फ बोर्ड में महिला सदस्यों को शामिल किया जाएगा. अभी इसमें एक भी महिला सदस्य नहीं हैं.
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