Manipur Lok Sabha Elections 2024: मणिपुरी अभिनेता से नेता बने आरके सोमेंद्रो ने गुरुवार को कहा कि वो मणिपुर के लोगों की आवाज और मुद्दों को उठाने के लिए राजनीति में आए हैं.
04 April, 2024
Manipur Lok Sabha Elections 2024: मणिपुर पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराए जाने के बाद आरके सोमेंद्रो अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में आंतरिक मणिपुर सीट से लोकसभा चुनाव मैदान में हैं. इंफाल में उन्होंने कहा कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का मौका मिला और उसके बाद मेरे लोग मुझसे प्यार करने लगे. उन्होंने मेरा समर्थन किया और वहीं से मैंने अपना करियर शुरू किया और मैंने फिल्मों के जरिए 24 साल तक अपने राज्य मणिपुर की सेवा की है.
सरकार से कुछ नहीं मिला
उन्होंने कहा कि अगर मैं अभिनेता नहीं होता तो आज राजनेता नहीं होता. अभिनय के दौरान मैं पहाड़ी इलाकों में जाता था और वहां मैं अपने कई भाइयों और बहनों से मिलता था जो भूख से मर रहे थे. वे जिस तरह से रह रहे थे. उन्होंने बताया कि सरकार से कुछ नहीं मिला लेकिन अखबार कहते हैं कि सरकार ने सब कुछ मुहैया कराया है लेकिन हकीकत में उन्हें कुछ नहीं मिला.
लोगों की आवाज उठाने के लिए राजनीति में आया
सोमेंद्रो ने कहा कि हमारी केंद्र सरकार ने मणिपुर संकट पर अब तक एक भी शब्द नहीं कहा. हमें एक नागरिक के रूप में कुछ करना चाहिए और यही कारण है कि मैं अपने लोगों की आवाज उठाने के लिए राजनीति में आना चाहता हूं. अयोग्य ठहराए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “2015 में, मैं एलजेपी में शामिल हो गया और मैंने 3-4 साल तक पार्टी की सेवा की और उसके बाद कुछ कारणों से मैंने पार्टी छोड़ दी। मैंने 2019 का लोकसभा चुनाव एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ा और फिर कुछ कारणों से मैंने वह पार्टी फिर से छोड़ दी और अब मैं स्वतंत्र हूं और मुझे यहां अपनी क्षेत्रीय पार्टी में शामिल होने का मौका मिला,
बताया क्यों लड़ रहे निर्दलीय चुनाव
उन्होंने बताया कि 2015 में, मैं एलजेपी में शामिल हो गया और मैंने तीन-चार साल तक पार्टी की सेवा की और उसके बाद कुछ कारणों से मैंने पार्टी छोड़ दी. मैंने 2019 का लोकसभा चुनाव एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ा और फिर भाजपा में शामिल हो गया. कुछ कारणों से मैंने उस पार्टी को फिर से छोड़ दिया और अब मैं स्वतंत्र हूं और मुझे यहां अपनी क्षेत्रीय पार्टी में शामिल होने का मौका मिला लेकिन कुछ आपातकालीन मामलों के कारण हमें दिल्ली में ईसीआई में अपने अध्यक्ष की रिपोर्ट अपलोड करने का मौका नहीं मिला और इसी कारण से मैं उस पार्टी से खारिज कर दिया गया और अब मैं एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ने जा रहा हूं.
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