मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में बंधक युवक को छुड़ाने गई पुलिस पर आदिवासियों की भीड़ ने हमला कर दिया. जिससे असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) की मौत हो गई, 10 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए.
BHOPAL: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में बंधक युवक को छुड़ाने गई पुलिस पर आदिवासियों की भीड़ ने हमला कर दिया. जिससे असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) की मौत हो गई, 10 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए.भीड़ ने तहसीलदार को भी जमकर पीटा.बवाल बढ़ता देख SDOP ने भागकर अपनी जान बचाई. सूचना मिलने पर कलेक्टर और एसपी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया. गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात, धारा 163 लागू
बवाल के बाद कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने गड़रा गांव में धारा 163 लागू कर दी है. साथ ही सीधी और रीवा से बड़ी संख्या में पुलिस बल बुलाकर गांव में तैनात किया गया है. इस घटना में पुलिस पांच आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. बवाल की शुरुआत तब हुई, जब मऊगंज जिले के शाहपुरा थाना क्षेत्र के गडऱा गांव में आदिवासी परिवार ने एक युवक को बंधक बना लिया. सूचना पर बंधक युवक को छुड़ाने के लिए पुलिस पहुंची तो आरोपियों ने ईंट-पत्थर से पुलिस टीम पर हमला कर दिया. जिससे एक ASI की मौत हो गई, जबकि ट्रैफिक इंस्पेक्टर (TI) को भी गंभीर चोंटे आईं.
भीड़ ने तहसीलदार को घेरकर इतना पीटा कि उनके हाथ-पैर टूट गए. जानकारी के अनुसार दो महीने पहले एक सडक हादसे में अशोक कुमार आदिवासी की मौत हो गई थी. आदिवासी परिवार इसे हादसा न मानते हुए सनी द्विवेदी नाम के युवक पर हत्या का आरोप लगाया था. आदिवासी परिवार पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं था. पुलिस ने अशोक कुमार की मौत को सड़क हादसा मानते हुए युवक सनी को क्लीनचीट दे दी थी. इसी रंजिश में शनिवार की शाम करीब 4 बजे आदिवासी परिवार ने सनी द्विवेदी को बंधक बना लिया और उसे एक कमरे में बंद कर उसकी जमकर पिटाई की.
बंधक युवक को छुड़ाने पहुंची पुलिस पर आरोपियों ने किया हमला
सूचना मिलते ही पुलिस युवक सनी को बचाने के लए मौके पर पहुंची. इस दौरान आरोपियों ने पुलिस टीम पर ही हमला कर दिया. हमले में ASI रामगोविंद गौतम की मौत हो गई, जबकि TI संदीप भारती के सिर में गंभीर चोंटे आईं, वहीं हनुमना तहसीलदार कुमारे लाल पनका को भी जमकर पीटा गया, जिससे उनके हाथ-पैर टूट गए. इस हमले में 10 पुलिसकर्मियों को भी गंभीर चोटें आई हैं. घायल एएसआई जवाहरसिंह यादव, राम केवट, रामलखन मिश्रा को रीवा रेफर किया गया है, वहीं विकास पांडेय, प्रीति यादव, रामवचन यादव, देववती सिंह, बृहस्पति पटेल को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उधर मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव के अनुसार दो गुटों के बीच हुए विवाद के बाद गांव में एहतियातन धारा 163 लगा दी गई है.
घटनाक्रम पर एक नजर
इस विवाद की शुरुआत दो महीने पहले सड़क हादसे में अशोक कोल की मौत के साथ शुरू हुई. 15 मार्च को दोपहर 1 बजे आदिवासी परिवार ने सनी को बंधक बना लिया. 1.30 बजे सनी के पिता को फोन आया. 2 बजे सनी के पिता और भाई अशोक के घर पहुंचे. 3 बजे के करीब 250 लोग जमा हो गए. 4.30 बजे टीआई सहित कई पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे. 5.30 बजे लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. 6 बजे पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया गया. 7 बजे एसडीओपी और बाकी फोर्स मौके पर पहुंची. 7.:0 बजे फोर्स फायरिंग करते हुए घर अंदर गई. रात 8 बजे रीवा से फोर्स पहुंची. 9.30 बजे कलेक्टर-एसपी भी गांव पहुंचे. 10.30 बजे घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल लाया गया.
कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहींः CM नोहन
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को कहा कि मऊगंज की घटना दुखद है. शनिवार को राज्य के मऊगंज जिले में आदिवासियों के एक समूह ने कथित तौर पर अपह्रत व्यक्ति को बचाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया, जिसमें एक एएसआई की मौत हो गई.
CM ने बताया कि घटना जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर गडऱा गांव में हुई और घटना के संबंध में पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया है. CM ने कहा कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी. दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. राज्य में ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है.
ये भी पढ़ेंः MP में दिलदहला देने वाली घटनाः भूत उतारने के लिए बच्चे को आग पर लटकाया उल्टा, तांत्रिक फरार
- भोपाल से नितिन ठाकुर की रिपोर्ट