Jagannath Puri: ओडिशा में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार भगवान जगन्नाथ मंदिर के ‘रत्न भंडार’ रविवार को खोलने जा रही है.
13 July, 2024
Jagannath Puri: ओडिशा सरकार भगवान जगन्नाथ मंदिर के प्रतिष्ठित खजाने ‘रत्न भंडार’ को 46 साल बाद रविवार को खोलने जा रही है. ‘रत्न भंडार’ में रखे आभूषणों और अन्य कीमती सामानों की एक सूची बनाई जाएगी. मंदिर के रत्न भंडार को 1978 में आखिरी बार खोला गया था. भगवान जगन्नाथ मंदिर के रखरखाव की देखभाल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) करता है.
पूजा अर्चना के बाद खोला जाएगा खजाना
भगवान जगन्नाथ मंदिर के ‘रत्न भंडार’ को खोलने के लिए सबसे पहले पारंपरिक पोशाक पहनाया जाएगा. फिर उसके बाद मंदिर के अंदर भगवान लोकनाथ की पूजा की जाएगी. खजाने के अंदर एक सांप होने की अफवाह है. इसको लेकर एक सांप पकड़ने वाले को भी मंदिर के अंदर ले जाया जाएगा.
दो हिस्सों में बंटा हुआ है ‘रत्न भंडार’
भगवान जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार दो हिस्सों में बंटा हुआ है. एक हिस्सा बाहरी है तो दूसरा हिस्सा भीतरी है, लेकिन भीतरी हिस्सा अब रहस्य बन चुका है. बाहरी हिस्से में भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के कीमती आभूषण रखे हुए हैं, जो किसी राजाओं ने दान किए थे. रथ यात्रा या किसी खास त्योहार पर इन विग्रहों को सजाने के लिए बाहरी भंडार से आभूषणों को निकाला जाता है.
BJP के चुनावी वादे में था ‘रत्न भंडार’ का मुद्दा
लोकसभा और राज्य के विधानसभा चुनाव में BJP ने रत्न भंडार को अपना चुनावी मुद्दा बनाया था. BJP ने ओडिशा में विधानसभा चुनाव के दौरान वादा किया था कि अगर राज्य में उसकी सरकार बनती है तो 12वीं सदी के मंदिर के खजाने को खोला जाएगा. इससे यह पता चल सकेगा कि मंदिर के खजाने में क्या-क्या रखा गया है.
कब-कब खोला गया है मंदिर का रत्न भंडार
भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को 1905, 1926 और 1978 में खोला गया था. खजाने में मौजूद बेशकीमती चीजों की लिस्ट बनाई गई थी. लिस्ट में 222 किलो चांदी और करीब 128 किलो सोना होने की बात कही गई थी. 1978 के बाद से अब तक मंदिर के पास कितनी संपत्ति आई इसका कोई लेखा जोखा नहीं है.
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