BSP Supremo Mayawati Removed Akash Anand: आकाश आनंद से क्या गलती हो गई कि मायावती ने उत्तराधिकार और कोआर्डिनेटर का पद भी छिन लिया.
BSP Supremo Mayawati Removed Akash Anand: एक दौर में कहा जाता था कि मायावती के साथ उनकी ही पार्टी BSP यानि बहुजन समाज पार्टी के बड़े नेता भी उनके बराबर में बैठने से कतराते थे. ऐसे में साल 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रचार के दौरान BSP सुप्रीमो मायावती के साथ मंच पर युवा चेहरा देखा गया था.
कई तरह की सियासी अटकलों के बीच सामने आया कि वह मायावती के भतीजे आकाश आनंद हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव के समय ही आकाश आनंद को राजनीति में लॉन्च किया गया. मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी ने अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. अब आकाश आनंद से क्या गलती हो गई कि मायावती ने उत्तराधिकार और नेशनल कोआर्डिनेटर का पद भी छिन लिया.
आकाश आनंद ने आगरा में दिया था पहला भाषण
नोएडा के पाथवेज वर्ल्ड स्कूल से स्कूलिंग पूरी करने वाले आकाश आनंद ने लंदन के प्लायमाउथ यूनिवर्सिटी से MBA की पढ़ाई की है. पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 2016 में लौटे आकाश आनंद ने मायावती के साथ राजनीति में आने का फैसला लिया. मायावती के साथ पहली बार साल 2017 में चुनाव प्रचार के दौरान सहारनपुर की रैली में वह सार्वजनिक रूप से मंच पर नजर आए. इसके बाद लखनऊ में पार्टी की एक बैठक में मायावती ने उनका परिचय सभी से कराया.
इसके बाद उनका कद पार्टी में लगातार बढ़ता ही चला गया. साल 2019 में मायावती ने पहली बार आकाश आनंद को नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया और आकाश आनंद ने पार्टी के रणनीति भी बनाई. इसी दौरान आगरा में पहली बार उन्होंने सार्वजनिक रैली को संबोधित किया. साल 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी के सोशल मीडिया के इंचार्ज का दायित्व निभाया था. इसके बाद अलग-अलग राज्यों में होने वाले चुनाव के दौरान मायावती ने उन्हें बड़े-बड़े दायित्व सौंपे. हालांकि, चाहे लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, पार्टी को खास सफलता नहीं मिली.
ससुर की वजह से आकाश आनंद को मिली सजा
सास 2023 में मायावती ने बड़ा एलान करते हुए आकाश आनंद को अपने रिटायरमेंट के बाद उत्तराधिकारी भी घोषित किया. कुछ दिनों बाद पार्टी की बैठक में भी उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के सामने आशीर्वाद भी दिया. साल 2023 के मार्च महीने में ही मायावती ने पार्टी के नेता अशोक सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा सिद्धार्थ के साथ आकाश आनंद की शादी करा दी. यहां तक सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था. लेकिन अगले ही साल लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान तीव्र और आक्रामक भाषण देने के चलते मायावती ने पहली बार एक्शन लिया.
उन्होंने 7 मई, 2024 को आकाश आनंद को अपरिपक्व बताया और उत्तराधिकारी और कोओर्डिनेटर की जिम्मेदारियों से पूरी तरह अलग कर दिया. हालांकि, उन्होंने चुनाव खत्म होने के बाद फिर से पार्टी का कोओर्डिनेटर पद उन्हें फिर से दे दिया. इसी साल 12 फरवरी को उन्होंने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ और उनके करीबी माने जाने वाले नितिन सिंह को गुटबाजी और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी से निकाल दिया. इसके बाद मायावती ने 16 फरवरी को उन्होंने X पोस्ट के जरिए इशारों ही इशारों में आकाश आनंद को बता दिया था कि उनका उत्तराधिकारी कैसा होगा.
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मायावती ने अशोक सिद्धार्थ को बताया जिम्मेदार
अब 2 मार्च को उन्होंने आकाश आनंद को पार्टी से निकालने का कारण भी बताया है. मायावती की ओर से जारी बयान में बताया है कि पार्टी के संस्थापक कांशीराम ने रिश्ते-नातों को पार्टी में कार्य करने के लिए कभी भी मना नहीं किया था, लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि मेरे रिश्ते-नाते पार्टी के मेरे नाम का दुरुपयोग करके पार्टी व मूवमेन्ट को नुकसान पहुंचायेंगे तो उसी दिन मैं उनको पार्टी से तुरंत ही निकाल कर बाहर कर दूंगा. उनकी शिष्या और उत्तराधिकारी होने के नाते मैंने अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर किया गया. उन्होंने उत्तर प्रदेश समेत त पूरे देश में पार्टी को दो गुटों में बांटकर इसे कमजोर करने का घिनौना काम किया.
यह सब उनके लड़के की शादी में भी देखने के लिए मिला है. उन्होंने आगे कहा कि अशोक सिद्धार्थ की बेटी की शादी आकाश आनंद के साथ हुई है और पिता को पार्टी से निकालने के बाद उस लड़की पर पिता का प्रभाव और लड़की का आकाश आनंद पर पड़ने वाला प्रभाव कभी सकारात्मक नहीं लगा. ऐसे में आकाश आनंद को पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया है और इसके लिए अशोक सिद्धार्थ ही जिम्मेवार हैं. उन्होंने पार्टी और आकाश आनंद का पॉलिटिकल करियर भी खराब कर दिया है. अब उन्होंने अपने भाई और आकाश आनंद के पिता आनंद कुमार को सारी जिम्मेदारी दे दी.
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