Uttarakhand News : बद्रीनाथ में राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने पर्यावरण एवं शहरी विकास सचिवों को निर्देश जारी किया है, जिसमें तीर्थ स्थल प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले सीवेज की मात्रा को पता लगाने के लिए कहा है.
12 August, 2024
Uttarakhand News : उत्तराखंड में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NCT) ने पर्यावरण एवं शहरी विकास सचिवों को निर्देश जारी कर दिया है. आदेश के अनुसार, सीवेज उपचार संयंत्रों की स्थापना के संबंध में सु्प्रीम कोर्ट द्वारा निर्देश दिए जाने के बाद कौन-कौन से कदम उठाए गए? NCT बद्रीनाथ में अपर्याप्त और अनुचित सीवेज उपचार संयंत्रों (STP) के कारण अलकनंद नदी में सीवेज गिरने से संबंधित मामले में सुनवाई कर रहा था. साथ ही अधिकारियों से तीर्थ स्थल पर प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले सीवेज की मात्रा का भी पता लगाने को कहा था.
बद्रीनाथ में लगाए गए दो एसटीपी
राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि उत्तराखंड पेयजल निगम और उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिस रिपोर्ट को सौंपा है, उसके अनुसार वहां पर दो एसटीपी हैं, जिनकी क्षमता 0.23 मिलियन लीटर प्रतिदिन (MLD) है. पीठ ने कहा कि इनकी क्षमता ज्यादा नहीं है, साथ ही इसमें बहुत बड़ा अंतर है तथा बिना उपचारित सीवेज नदीं में बह सकता है.
संग्रह टैंक से हुआ आंशिक रिसाव
इसके अलावा, जल के परिणामों से पता चलता है कि संग्रह टैंक से आंशिक रूप से रिसाव हुआ है और जल अलकनंद में नदी में बहाया जा रहा है. हरित पैनल ने जल निगम के एक अधिकारी से इस बात की ओर ध्यान दिलाने की कोशिश की कि फिलहाल एसटीपी स्थापना करने की कोई परियोजना नहीं है. साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने एसटीपी स्थापित करने के लिए 3 साल की योजना बनाई थी और राज्य के पर्यावरण सचिव को इसे सुनिश्चित करने के लिए कहा था.