Bihar Cabinet Expansion: कैबिनेट विस्तार के साथ ही पूरे बिहार में सियासी हलचल बढ़ गई है. साथ ही बिहार की सियासत में M-Y समीकरण की चर्चा शुरू हो गई है.
Bihar Cabinet Expansion: बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट विस्तार सभी को चौंका दिया है. इस कैबिनेट विस्तार के साथ ही पूरे बिहार में सियासी हलचल बढ़ गई है. साथ ही बिहार की सियासत में M-Y समीकरण की चर्चा शुरू हो गई है.
दरअसल, RJD यानि राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं ने चुनाव से पहले इस विस्तार पर सवाल उठाए हैं. इस पर नीतीश कुमार की पार्टी का पलटवार सामने आया है और RJD पर M-Y समीकरण पर बड़ा हमला बोला है. ऐसे में आपको बताते हैं कि बिहार में M-Y समीकरण क्या मायने रखता है.
अब्दुल बारी सिद्दकी को लेकर बोला हमला
दरअसल, एक दिन पहले बिहार में कैबिनेट विस्तार किया गया. टीम नीतीश में 7 BJP यानि भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. इस पर RJD सुप्रीमो लालू यादल की बेटी रोहिणी आचार्य ने बड़ा हमला बोला. उन्होंने अपने X हैंडल पर पोस्ट कर लिखा कि नीतीश कुमार की कैबिनेट पर विखंडनकारी BJP का कब्जा हो गया है.
कैबिनेट विस्तार में अपनी पार्टी के एक भी मंत्री को नीतीश कुमार शपथ नहीं दिला सके. नीतीश कुमार BJP का फरमान मानने को लाचार, बेबस, निरीह और महज मुखौटा बन गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं फिर भी कैबिनेट विस्तार पर BJP आलाकमान मुहर लगा रहा है.
इस पर JDU प्रवक्ता नीरज कुमार का पलटवार सामने आया है. उन्होंने कहा कि RJD फैमिली पार्टी है. उन्हें M-Y समीकरण पर भरोसा नहीं है. अगर M-Y पर भरोसा होता, तो विधानपरिषद में विपक्ष का नेता राबड़ी देवी की जगह अब्दुल बारी सिद्दकी होते. RJD हमारी चिंता ना करे. उन्होंने आगे कहा कि खुद कोर्ट में पेशी की चिंता कीजिए. समूचे परिवार को कोर्ट का समन है उसकी तैयारी कीजिए. नीतीश कुमार को कोई समाप्त नहीं कर सकता. Love करे या Hate, लेकिन नीतीश कुमार को कोई इग्नोर नहीं कर सकता.
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बिहार में मुस्लिम वोटों के पांच दावेदार
दरअसल, विवाद की जड़ यह है कि कैबिनेट विस्तार में NDA की ओर से किसी भी यादव और मुस्लिम समुदाय के विधायक को जगह नहीं दी गई है. साल 2020 के चुनाव में NDA की जीत के बाद यादव समाज को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व दिया गया था. इसके बाद साल 2022 में नीतीश कुमार NDA छोड़ कर महागठबंधन के साथ सरकार बना ली.
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