Maharashtra Politics: हाल में देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रियों के निजी सचिव और ODS की मनमानी नियुक्ति पर रोक लगा दी है. इस पर विवाद देखने को मिल रहा है.
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में जब से महायुति की सरकार बनी है, तब से अनबन की खबरें सामने आ रही है. हाल में देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रियों के निजी सचिव और ODS की मनमानी नियुक्ति पर रोक लगा दी है. इस पर NCP यानि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-अजीत गुट के कोटे से मंत्री बने माणिकराव कोकाटे ने दुख जताकर पूरे मामले को और तूल दे दिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में महायुति सरकार में फिर अनबन हो गई है.
अजीत गुट वाले मंत्री ने जताया दुख
दरअसल, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इन दिनों पूरे एक्शन में दिख रहे हैं. वह किसी भी मामले में किसी को भी ढील नहीं देना चाहते हैं. कुछ दिनों पहले उन्होंने सभी मंत्रियों को हिदायत देते हुए कहा है कि मंत्रियों के निजी सचिव और ODS के रूप में किसी दागी व्यक्ति को शामिल नहीं किया जाएगा. इस पर NCP-अजीत गुट के कोटे से मंत्री बने माणिकराव कोकाटे ने सवाल दागकर यह जग जाहिर कर दिया कि महाराष्ट्र की महायुति सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है.
एक कार्यक्रम में माणिकराव कोकाटे ने दुख जताते हुए कहा कि अब उनके निजी सचिव और ODS भी मुख्यमंत्री तय कर रहे हैं. इसलिए अब हमारे हाथ में कुछ नहीं बचा है. राज्य के कृषि मंत्री ने आगे कहा कि अब आपके या मेरे जैसे लोगों से सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पुणे के मार्केटिंग विभाग के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आप लोगों के आशीर्वाद से हमें बहुमत मिला और मुख्यमंत्री ने पहले ही दिन हमें डांट लगा दी कि आप लोगों के या मेरे जाने से सरकार पर कोई असर नहीं होगा. आप लोग अगर ज्यादा मस्ती करेंगे, तो घर जाना पड़ेगा. आप लोगों को जो मंत्रालय दिए गए है, वहां काम ठीक ढंग से करें.
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राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू
राज्य के कृषि मंत्री माणिक राव कोकाटे के इस बयान से राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गयी है कि सरकार के सभी फैसले मुख्यमंत्री ही लेते है. कृषि मंत्री के बयान पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि मंत्री महोदय को शायद पता नहीं कि मंत्रियों के निजी सचिव और ODS की नियुक्ति का अधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री के पास है. नियम के अनुसार मंत्री निजी सचिव और ODS की नियुक्ति से संबंधित प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजते हैं और अंतिम मंजूरी मुख्यमंत्री ही देते हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके पास 125 नाम प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 109 नामों को मंजूरी दी गई है. जिनके नामों को मंजूरी नहीं दी गई है, उनके खिलाफ जांच चल रही है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि कोई भी नाराज हो, उससे उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वह किसी भी हाल में विवादित नामों को मंजूरी नहीं देंगे. एक दिन पहले शिवसेना-UBT गुट के मुखपत्र ‘सामना’ में भी इस बात का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की गई थी. वहीं, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना की गई थी.
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