Sambhal Jama Masjid : इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ में बुधवार को मस्जिद में रंग-रोंगन करवाने को लेकर सुनवाई हुई और उससे पहले ही कोर्ट ने साफ-सफाई को लेकर याचिका मंजूर कर ली थी.
Sambhal Jama Masjid : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को संभल में स्थित जामा-मस्जिद को एक हफ्ते के अंदर रंगाई-पुताई करवाने का निर्देश दिया है. इसके अलावा सारी लाइटिंग को बिना किसी नुकसान के यह सारा काम करवाया जाए. हाई कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि रंगाई-पुताई का कार्य मस्जिद की बाहरी दिवारों पर किया जाएगा. मामला यह है कि मस्जिद परिसर के सदस्यों ने हाई कोर्ट में मस्जिद के बाहरी हिस्से में ही सफेदी की मांग की थी और इसकी कोर्ट ने अब अनुमति दे दी है.
क्यों किया मस्जिद कमेटी ने HC का रूख
इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ में बुधवार को मस्जिद में रंग-रोंगन करवाने को लेकर सुनवाई हुई और इससे पहले ही कोर्ट ने साफ-सफाई को लेकर याचिका मंजूर कर ली थी. हालांकि, आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) पहले ही साफ-सफाई का काम पूरा करवा चुका था. फिलहाल कोर्ट ने सफेदी के निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा कि बिना किसी छेड़छाड़ के यह कार्य किया जाए और अब इस मामले में अगली सुनवाई 8 अप्रैल होगी. बता दें कि रमजान शुरू होने के बाद से मस्जिद कमेटी ने ASI से सफेदी करने की अनुमति मांगी थी लेकिन संस्था की तरफ से खारिज कर दिया गया. यही वजह थी कि मस्जिद कमेटी को हाई कोर्ट का रूख करना पड़ा.
ASI ने सफेदी करने को किया था मना!
वहीं, हिंदू पक्ष ने कहा था कि सफेदी करने के दौरान मस्जिद के निर्माण में कई प्रकार की छेड़छाड़ की जा सकती है. इसी बीच हाई कोर्ट भी मामले को टालता रहा था और ASI इस बात की ओर इशारा कर रहा था कि रंगाई-पुताई की अभी जरूरत नहीं है, लेकिन साफ-सफाई करवा जा सकती है जिसको हमने करवा दिया है. हालांकि, कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को शाही जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई की अनुमति प्रदान कर दी है. साथ ही जब मस्जिद ने ASI से सफेदी के लिए अनुमति मांगी तो उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई और कमेटी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इस मामले में अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ASI से जवाब तलब करने के लिए कहा है.
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